गुमनामी का एक साया हो गया ,
देखो जो अपना था आज पराया हो गया।
कैसी ओ ज़माने ये तेरी रीत है ,
जो निभा न सको वो कैसी प्रीत है।
हाय आज ये क्या हो गया ,
देखो जो अपना था आज पराया हो गया।
फिर से आज गम हमसाया हो गया,
देखो जो अपना था आज पराया हो गया।
याद करने से जान निकलती है पर मर भी नही पाते ,
पता नहीं हमको ये क्या हो गया।
कुछ भी तो नहीं पर कुछ तो हो गया
भटकते है अनजानी गलियों में अकेले ,
ग़मों से हमारी दोस्ती ख़ुशी का सफाया हो गया।
देखो जो अपना था आज पराया हो गया।
चाहतों की दुनिया में हमारा आशियाना टूट गया
बेकार सब हमारा किया कराया हो गया।
जीने नहीं देता मुझे ये जमाना,चाहत नहीं है अब जीने की,
कितना बेरहम ज़माने का नजरिया हो गया।
देखो जो अपना था आज पराया हो गया।
फिर आज गुमनामी का एक साया हो गया ,
कुछ भी तो नहीं पर कुछ तो हो गया
पता नहीं हमको ये क्या हो गया
देखो गागर , जो अपना था आज पराया हो गया ,
देखो गागर , जो अपना था आज पराया हो गया।
देखो जो अपना था आज पराया हो गया।
कैसी ओ ज़माने ये तेरी रीत है ,
जो निभा न सको वो कैसी प्रीत है।
हाय आज ये क्या हो गया ,
देखो जो अपना था आज पराया हो गया।
फिर से आज गम हमसाया हो गया,
देखो जो अपना था आज पराया हो गया।
याद करने से जान निकलती है पर मर भी नही पाते ,
पता नहीं हमको ये क्या हो गया।
कुछ भी तो नहीं पर कुछ तो हो गया
भटकते है अनजानी गलियों में अकेले ,
ग़मों से हमारी दोस्ती ख़ुशी का सफाया हो गया।
देखो जो अपना था आज पराया हो गया।
चाहतों की दुनिया में हमारा आशियाना टूट गया
बेकार सब हमारा किया कराया हो गया।
जीने नहीं देता मुझे ये जमाना,चाहत नहीं है अब जीने की,
कितना बेरहम ज़माने का नजरिया हो गया।
देखो जो अपना था आज पराया हो गया।
फिर आज गुमनामी का एक साया हो गया ,
कुछ भी तो नहीं पर कुछ तो हो गया
पता नहीं हमको ये क्या हो गया
देखो गागर , जो अपना था आज पराया हो गया ,
देखो गागर , जो अपना था आज पराया हो गया।
liked boss
ReplyDeletehmmm aapne ab dekha h kya pawan bhai mera blog ...
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