Thursday, November 22, 2012

meri apni zindagi { my own life }

जोकर सी बन गई है जिंदगी सब को हंसाते हंसाते ....
खुद को कहाँ खो दिया है, पता ही नहीं चला ।
अफ़सोस करुँ के खुश होऊ, समझ नहीं आता मुझे ...
के किस राह पे था में चला ।
सब को बाँट दी सारी खुशियाँ  ...
खुद को जरूरत पड़ी, तो सब साथ छोड़ गए ।
कैसा ये दुनिया का सर्कस है ...
जब तमाशा ख़त्म हुआ, तो जोकर अकेला हो चला ।
कोई था भाई, कोई दोस्त तो कोई मां बाप भी थे..
था उन में कोई खास अपना भी ।
जब  जरूरत न थी, तो सब साथ देने को कहते थे... 
कोई जान तो कोई मान, तो कोई सब कुछ देने को कहते थे ।
आज गागर को जरूरत पड़ी, तो कोई साथ ना था ये पता चला ।
दिल रोया होंठ और भी जोर से हंसने लगे ...
यही है जिंदगी, ज़ी ले इसे कहने लगे ।
दुनिया हंसती रही मुझ पे, पर में रुका नहीं ...
 उम्मीदों का बोझ था मुझ पे, पर में थका नहीं ।
राहों में  अकेला था में, पर में चलता गया चलता गया ...
और दुनिया पुछती रही, अरे जोकर कहाँ चला कहाँ चला ।
ये तमाशा ये शो ये सर्कस, यूं ही चलता रहेगा ..
 जोकर यूं ही अकेले में रोता, भीड में हंसता रहेगा ।
ये जोकर भी हँसते - हँसते आख़िरी नींद सो जायेगा...
दुनिया फि़र भी हंसेगी और पुछेगी, अरे ओ जोकर कहाँ चला,
कहाँ चला तू कहाँ चला, ......,.......,......
.........................रैगर सुरेन्द्र गागर..........................
Life has bacome like a joker in making everyone laugh ..
where i lost my self i dont know..

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